“न तिथिर्न च कालो नायनयोः विचारः।
कर्मणा हि नरो गच्छति मोक्षममोक्षम्॥”
हिंदी अर्थ:
“न तो तिथि निर्णायक है, न काल विशेष, न उत्तरायण-दक्षिणायन का विचार।
मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार ही मोक्ष या बंधन को प्राप्त करता है।”
हम जानते है न जन्म का समय न मर्त्यु का समय और किस रूप यानी बेटी या बेटा होगा और जीवित रहेगा या मर्त्यु को प्राप्त होगा इसके लिए कोई कुछ नही कह सकता किस क्षण मौत आये और किस काल मे कर्म के अनुसार इंसान मौत के मोह में चला जाये ये सब कर्म और विधाता पर निश्चित है स्वर्ग या नेक मिलेगा ये भी हमारे कर्म ही निर्धारण करते है जैसा खेत मे बीज बोयेंगे वैसा ही उसका उत्पादन होगा इसीलिए ये दोहा है बोये पेड़ बबुल।के तो आप का फल कहा से आये