विवेक (Discernment)विवेक का अभ्यास करने के लिए, हर स्थिति में खुद से यह सवाल पूछें: “क्या यह मेरे लिए सच में अच्छा है?”छोटे निर्णयों में: जब आप सोशल मीडिया पर घंटों समय बिताने की सोच रहे हों, तो रुक कर सोचें। क्या यह समय आपके जीवन में कोई मूल्य जोड़ रहा है या सिर्फ़ समय बर्बाद हो रहा है?बड़े निर्णयों में: जब कोई आपको ऐसा अवसर दे जिसमें तुरंत पैसा तो मिले, लेकिन आपको अपने मूल्यों से समझौता करना पड़े, तो विवेक का उपयोग करें। सोचें कि क्या यह क्षणिक लाभ लंबी अवधि में आपको शांति और खुशी देगा?2. सय्यंम (Self-control)सय्यंम का अभ्यास छोटे-छोटे कामों से शुरू करें।आदत बदलना: अगर आप रोज़ सुबह जल्दी नहीं उठ पाते, तो अलार्म बजते ही तुरंत बिस्तर से उठने का निश्चय करें। शुरुआत में मुश्किल होगी, लेकिन धीरे-धीरे यह आपकी आदत बन जाएगी।भावनात्मक प्रतिक्रिया: जब आपको गुस्सा आए या किसी बात से ठेस पहुँचे, तो तुरंत प्रतिक्रिया देने के बजाय 10 सेकंड के लिए रुकें। इस छोटे से अंतराल में आप अपनी प्रतिक्रिया को नियंत्रित कर सकते हैं।3. निश्चय (Determination)निश्चय के लिए, अपने लक्ष्य को स्पष्ट करें और उसे छोटे-छोटे हिस्सों में बाँट लें।लक्ष्य-निर्धारण: अगर आपका लक्ष्य एक नई भाषा सीखना है, तो यह निश्चय करें कि आप रोज़ 30 मिनट अभ्यास करेंगे।हार न मानना: जब आप थक जाएँ या मन करे कि छोड़ दें, तो खुद को याद दिलाएँ कि आपने क्यों शुरू किया था। अपने छोटे-छोटे सफलताओं को देखें, जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी।4. निरहंकारिता (Humility)निरहंकारिता का अभ्यास दूसरों की सराहना करके और अपनी ग़लतियों को स्वीकार करके किया जा सकता है।सराहना: जब कोई आपकी मदद करे या कोई अच्छा काम करे, तो उसे दिल से धन्यवाद दें।ग़लती स्वीकारना: जब आपसे कोई ग़लती हो जाए, तो उसे स्वीकार करें और उससे सीखने की कोशिश करें। दूसरों के सामने अपनी कमजोरी स्वीकारने से आप मजबूत बनते हैं।5. निंदा त्याग (Abstaining from Blame)निंदा त्याग के लिए, दूसरों की बुराई करने से बचें।ध्यान को मोड़ना: जब आप किसी की बुराई करने लगें, तो तुरंत अपने ध्यान को उस व्यक्ति के किसी अच्छे गुण पर ले जाएँ या किसी और सकारात्मक बात पर ध्यान दें।अपनी ज़िंदगी पर ध्यान: अपनी ऊर्जा दूसरों की कमियाँ खोजने में बर्बाद करने के बजाय, उसे अपने जीवन को बेहतर बनाने में लगाएँ।ये सभी गुण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। विवेक आपको बताता है कि क्या सही है, सय्यंम आपको वह करने की शक्ति देता है, निश्चय आपको उस पर बने रहने में मदद करता है, और निरहंकारिता और निंदा त्याग आपके मन को शांत और सकारात्मक रखते हैं।