शिष्य के कर्तव्य – प्रत्येक शुभ कार्य, महत्वपूर्ण कार्य मे गुरु का आशीर्वाद लेना चाहिए। सद्गुरुं की आज्ञा का पालन सर्वोपरि है। गुरु दर्शन...
जब तक आप कर्म बांधते हैं, तब तक आपके लिए हमेशा पुनर्जन्म है ही। अगर आप को कर्म बंधन होगा तो अगले जन्म में...
तेरे सिवा कोई है ही नही, जिससे तेरी बात कर सकूँ। शायद यही बात रही होगी तभी भक्तों ने तुम्हारे प्रेम को गीत और...
मेरे पिताजी जो कि एक उच्च कोटि के मेरे परिवार में प्रथम संत हुवे है उनका कहना था कि म्रत्यु के बाद सूक्ष्म शरीर...
मिटा के अपनी हस्ती तुझे खुद को भी इस जग को भूलना होगा लग गुरु की सेवा में उसी की खिदमत में जीना ओर...
जा कारण जग ढूँढ़िया, सो तो घट ही मांहि । परदा दिया भरम का, ताते सूझे नाहिं ।। जिस भगवान को तू सारे संसार...
सपना सा है ये जीवन जिसमे पैदा होने की खुशी और मरने का मातम मिला रहता है ये जानते हुवे की प्रारब्ध भुगतने है और...
इस आध्यात्मिक सफर में अगर शिष्य को मौत भी जाये तो ये मिशन जिंदा रहे क्योकि जो सफर पर निकला है उसे कहि न...
लफ्ज़ आदमी हैवानी वजूद है और इंसान अख़लाकी वजूद है। और परमात्मा की मंशा ये है कि हम हैवानी वजूद से निकलकर इंसानी वजूद...
पिताजी साहब जब भी ध्यान में लय रहते ओर ध्यान की उच्च अवस्था मे वो गुरु में लय रहते थे तो उनके शरीर से...