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मर्यादा के प्रतीक: लक्ष्मण रेखा और गांधारी का सुरक्षा चक्र

लक्ष्मण रेखा और गांधारी का सुरक्षा चक्र, दोनों ही भारतीय पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण प्रतीक हैं, जो आधुनिक संदर्भ में भी नैतिक, सामाजिक और...

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मर्यादा से सुरक्षा तक: लक्ष्मण रेखा और गांधारी के प्रतीकात्मक अर्थ

इल्लत, किल्लत, जिल्लत’ को झेलकर ही शिष्य पूर्णता की ओर बढ़ता है, यह भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा का एक अभिन्न अंग रहा है। आइए इसे...

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“साधु (संत) की जाति मत पूछो, उसके ज्ञान को देखो।जैसे तलवार का मूल्य होता है, उसकी म्यान (नीचे का खोल) का नहीं।”

व्याख्या (अद्वैत वेदांत व सूफ़ी दृष्टिकोण से): संत कबीर इस दोहे के माध्यम से समाज में फैली जाति व्यवस्था की आलोचना करते हैं। वे...

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सहस्त्रार चक्र: चेतना का आकाश और मुक्ति का द्वार

सहस्त्रार चक्र शुद्ध चेतना, ज्ञान और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ा है। आकाश तत्व भी अनंतता, शून्यता और सर्वव्यापकता का प्रतीक है। जब कुंडलिनी ऊर्जा...

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निर्बीज समाधि: जब आत्मा को पूर्ण मुक्ति का अनुभव होता है

निर्बीज समाधि योग की अंतिम और सर्वोच्च अवस्था है। ‘निर्बीज’ का अर्थ है ‘बिना बीज के’, यानी ऐसी अवस्था जहाँ पुनर्जन्म के कोई बीज...

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