Guru Ji

“गरीब असत कमलदल—बाह्य भी शून्य, अंतर्मन भी शून्य।” यहाँ “गरीब असत कमलदल” का अर्थ है वह कमल-पत्र जो न तो असली (सत्) है और...

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“कबीर पासा पकड़या प्रेम का, सारी किया शरीर” यहाँ “पासा” शब्द का प्रयोग जुए के लिए किया गया है, पर यह सांसारिक जुए की...

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“मिल जाये जब खाक”अर्थ:जब इंसान अपने शरीर और जीवन के भौतिक स्वरूप को नश्वर (मरणशील) समझ लेता है। “खाक” यानी मिट्टी, यह संकेत देता...

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