Guru Ji

आध्यात्मिकता में गुरु शिष्य को चुनता है, और शिष्य गुरु को क्यों और किसलिए, जबकि गुरु पूर्ण होता है और शिष्य अधूरा?”

यह प्रश्न केवल तर्क का नहीं, आत्मिक अनुभव और परंपरा का विषय है। आइए इसे आध्यात्मिक दृष्टि से समझें: गुरु को शिष्य चुनने की...

Read More

स्वयं को जानना, स्वयं को बदलना: आध्यात्मिक उत्थान की राह

स्व-आत्मज्ञान और चरित्र परिवर्तन का आध्यात्मिक मार्ग स्व-आत्मज्ञान का अर्थ है अपने असली स्वरूप को पहचानना—यह समझना कि हम केवल शरीर और मन नहीं...

Read More

जब आत्मा दिशा चुनती है: उत्तरायण की ओर मोक्ष की यात्रा

श्लोक 8.24 – उत्तरायण मार्ग (देवयान मार्ग) श्लोक: अग्निर्ज्योतिरह: शुक्लः षण्मासा उत्तरायणम्।तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जनाः॥ शब्दार्थ: अग्निः – अग्नि तत्व (प्रकाश, ऊर्जा),...

Read More

सच्चे मन से खोजो तो सद्गुरु अवश्य मिलते हैं: श्रद्धा, संगत और आत्मिक परिवर्तन की यात्रा

शिष्य यदि अज्ञानी हो — तो भी वह सच्चे हृदय से सद्गुरु की तलाश कर सकता है। ज्ञान की शुरुआत ही जिज्ञासा और विनम्रता...

Read More