शिष्य यदि अज्ञानी हो — तो भी वह सच्चे हृदय से सद्गुरु की तलाश कर सकता है। ज्ञान की शुरुआत ही जिज्ञासा और विनम्रता...
इस मार्ग में आगे बढ़ने के लिए शिष्य में सत्यनिष्ठा (सत्य के प्रति दृढ़ता), समर्पण, समभाव (सबके प्रति समान दृष्टि) और सम्यकता (सही दृष्टिकोण...
“समर्पण भाव लिए सब भाग रहे गुरु की ओर,जो भेद समर्पण को जान गया पत्नी से, वो सच्चा गुरु सेवक भाई।” भावार्थ: “समर्पण भाव...
“गरीब ऐसा सद्धृ (सज्जन पुरुष) हमें मिला जिसने बजर (कठिन/मजबूत) किवाड़ खोल दिए, और हमारे सारे अगम (गंभीर/कठिन समझने योग्य) दोष हर लिए, और...
“कबीर पासा पकड़या प्रेम का, सारी किया शरीर” यहाँ “पासा” शब्द का प्रयोग जुए के लिए किया गया है, पर यह सांसारिक जुए की...
“गरीब असत कमलदल—बाह्य भी शून्य, अंतर्मन भी शून्य।” यहाँ “गरीब असत कमलदल” का अर्थ है वह कमल-पत्र जो न तो असली (सत्) है और...
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“कबीर पासा पकड़या प्रेम का, सारी किया शरीर” यहाँ “पासा” शब्द का प्रयोग जुए के लिए किया गया है, पर यह सांसारिक जुए की...
“ज़िक्र-ए-क़ल्ब” या “हृदय जाप” क्या है? यह वह साधना या अभ्यास है जिसमें नाम (ईश्वर का नाम या मंत्र) दिल की गहराइयों में चलता...