प्राचीन गुरु परम्परा भारतीय अध्यात्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह परम्परा गुरु-शिष्य संबंध पर आधारित है, जहाँ ज्ञान और आध्यात्मिक अनुभूति का...
स्वार्थ रहित होना और निष्काम कर्म करना व्यक्ति के आंतरिक विकास और समाज के कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जब हम बिना किसी...
निष्काम कर्म का मतलब है बिना किसी फल की इच्छा के अपने कर्तव्यों को निभाना। इसे अपने जीवन में अपनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण...
स्वार्थ रहित होना और निष्काम कर्म करना व्यक्ति के आंतरिक विकास और समाज के कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जब हम बिना किसी...
बहुत से योग सोचते है कि मैं क्या लिख रहा हु ओर क्यो क्योकि जो मजा जीने में वही आनंद मरने के बाद भी...
पतंजलि योगसूत्र योग दर्शन का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसे महर्षि पतंजलि ने रचा है। इसमें योग को आत्मज्ञान और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग...
योगी बनने के लिए बुद्धि, ज्ञान और मन को शुद्ध करना आवश्यक है। जब हम अहंकार और विकारों को त्याग देते हैं, तब ही...
पतंजलि योगसूत्र योग दर्शन का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसे महर्षि पतंजलि ने रचा है। इसमें योग को आत्मज्ञान और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग...
मनुष्य में मुख्य रूप से छह प्रकार के विकार माने गए हैं, जिन्हें षड् विकार या षड् रिपु (छह शत्रु) कहा जाता है। ये...