Guru Ji

केवल्य की अवस्था:

यह सम्पूर्ण स्वतंत्रता की अवस्था है, जहाँ आत्मा न जन्म लेती है, न मृत्यु। वह अनंत शांति, आनंद और ज्ञान (सच्चिदानंद) की अवस्था में...

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केवल्य की प्राप्ति कैसे होती है:

यम (नैतिक अनुशासन), नियम (स्वअनुशासन), आसन (शारीरिक स्थिरता), प्राणायाम (श्वास नियंत्रण), प्रत्याहार (इंद्रियों का नियंत्रण), धारणा (एकाग्रता), ध्यान (ध्यान), और समाधि (पूर्ण तल्लीनता)। समाधि...

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केवल्य शब्द का अर्थ है

केवल्य शब्द का अर्थ है ‘एकांत अवस्था’ या ‘अद्वितीयता’। योग और वेदांत दर्शन में केवल्य को अंतिम मोक्ष या मुक्ति की अवस्था माना गया...

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आत्मा ईश्वर तक कैसे पहुँचे

ईश्वर को विभिन्न धर्मों और दर्शनशास्त्रों में अलग-अलग तरीकों से परिभाषित किया गया है, लेकिन सामान्य रूप से, ईश्वर को सृष्टि का सर्वोच्च, सर्वव्यापी,...

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वीतरागी बनने का अर्थ:

वीतराग का शाब्दिक अर्थ है “राग (मोह) से परे”। इसका मतलब है संसारिक इच्छाओं, सुख-दुख, सफलता-असफलता आदि में समभाव रखना। इसका तात्पर्य वैराग्य (अलगाव)...

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कुंभ मेले में करोड़ों लोगों के स्नान के बाद भी बड़े पैमाने पर संक्रामक रोगों का न फैलना कई कारणों से हो सकता है:

गंगा जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु पाए जाते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं। पानी में प्राकृतिक रूप से ऑक्सीजन की मात्रा...

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गुरु किसलिए बनाए जाते हैं:

अज्ञान का नाश करने के लिए: गुरु ‘अंधकार’ (अज्ञान) को ‘प्रकाश’ (ज्ञान) से मिटाते हैं। सही दिशा में प्रेरित करने के लिए: भटकाव और...

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ॐ जय गुरुवर कृपाला

ॐ जय गुरुवर कृपाला, ज्ञान के दाता निराला,अज्ञान तिमिर हरने वाले, प्रेम सुधा बरसाने वाले,ॐ जय गुरुवर कृपाला। ब्रह्मज्ञान की जोत जगाई, मोह माया...

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