Guru Ji

अनाहद नाद: आत्मा का अनंत संगीत

अनाहद, जिसका अर्थ है “अविनाशी ध्वनि” या “असीमित” संगीत, एक गहरे आध्यात्मिक और ध्वनिमूलक अर्थ से जुड़ा होता है। इसके बारे में एक कविता...

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गुरु-शिष्य परंपरा: आत्मिक उत्थान और आध्यात्मिक ज्ञान का दिव्य प्रवाह

अध्यात्मिकता में गुरु-शिष्य परंपरा बहुत महत्वपूर्ण आध्यात्मिक बंधन है। गुरु केवल शिष्य को सही ज्ञान व मार्ग दर्शन प्रदान करता है, बल्कि उसे सही...

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अनाहत नाद और वेदों का दिव्य रहस्य: ऋषियों को कैसे मिला ईश्वरीय ज्ञान?

ऋषियों में पूजा धतं करते सहती कैसे आई जबकि ईश्वर का कोई भौतिक अस्तित्व नही वह शुसमध ऊर्जा रूप में अनाहद है जो धक...

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वेदों का सार: ज्ञान, कर्म और मोक्ष की दिशा में मार्गदर्शन

वेदों का सारांश वेद सनातन धर्म के सबसे प्राचीन और मूलभूत शास्त्र हैं। इन्हें ईश्वर द्वारा ऋषियों को दिव्य ज्ञान के रूप में प्रदान...

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