ॐ जय गुरुवर कृपाला, ज्ञान के दाता निराला,अज्ञान तिमिर हरने वाले, प्रेम सुधा बरसाने वाले,ॐ जय गुरुवर कृपाला। ब्रह्मज्ञान की जोत जगाई, मोह माया...
गुरु बिन ज्ञान न उपजे, गुरु बिन मिटे न मोह,गुरु ही साक्षात् ब्रह्म हैं, गुरु ही हैं सद्गुरु सो। अंधकार से ज्योति की ओर,...
अनाहद, जिसका अर्थ है “अविनाशी ध्वनि” या “असीमित” संगीत, एक गहरे आध्यात्मिक और ध्वनिमूलक अर्थ से जुड़ा होता है। इसके बारे में एक कविता...
Soham Dhyan Kendra एक योग और ध्यान केंद्र है जो लोगों को मानसिक शांति, आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक विकास के लिए योग और ध्यान के...
ईश्वर के प्रति प्रेम की भावना तभी विकसित हो सकती है जब इंसान के दिल में करुणा, दया और सहानुभूति हो। यदि कोई व्यक्ति...
जब हर आहट में अनाहद नाद (जिसे ओम का निरंतर उच्चारण भी कहते हैं) सुनाई देने लगे, तो यह गहरी ध्यान अवस्था और आत्मिक...
अध्यात्मिकता में गुरु-शिष्य परंपरा बहुत महत्वपूर्ण आध्यात्मिक बंधन है। गुरु केवल शिष्य को सही ज्ञान व मार्ग दर्शन प्रदान करता है, बल्कि उसे सही...
ऋषियों में पूजा धतं करते सहती कैसे आई जबकि ईश्वर का कोई भौतिक अस्तित्व नही वह शुसमध ऊर्जा रूप में अनाहद है जो धक...
मेरे मन की सोच जब ईश्वर अजन्मा अविनाशी शरीर रहित एक उच्च कोटि का परमतत्व ऊर्जा है और 5 तत्वों से परे है फिर...
वेदों का सारांश वेद सनातन धर्म के सबसे प्राचीन और मूलभूत शास्त्र हैं। इन्हें ईश्वर द्वारा ऋषियों को दिव्य ज्ञान के रूप में प्रदान...