एक आध्यात्मिक शिष्य के लिए अपने गुरु, गुरुपरिवार और स्वयं के परिवार के प्रति कर्तव्य और कर्म अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। ये कर्तव्य न...
जब स्थूल शरीर और आत्मा अलग अलग है फिर भी आत्मा को कष्ट सहने होते है जब तक स्थूल शरीर है आत्मा को ज़ात...
वेदों में ध्यान, समाधि और एकाग्रता का उल्लेख आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष की प्राप्ति के साधन के रूप में किया गया है। इनका उद्देश्य मन...
खोजत खोजत जीवन बीता खोजत-खोजत जीवन बीता,बड़े भाग्य से सद्गुरु पाना ।घर परिवार जगत सब बिसरे,सदगुरु मुझको भूल न जाना।। गुरु चिंतन में ध्यान...
सच्चे गुरु सांसारिक मोह-माया से परे होते हैं। उन्हें प्रभावित करने का एकमात्र तरीका प्रेम, श्रद्धा, भक्ति, समर्पण और सेवा ही है। जब शिष्य...
भंडारे या सत्संग का आयोजन किसी संत की पुण्यतिथि या जयंती पर एक बहुत ही पुण्य कार्य माना जाता है। इसे करने के लिए...
अगर आत्मा का हृदय में निवास हैब तो हार्ट आपरेशन में दिल अलग करने के बाद आदमी जिंदा कैसे रहता है मेरी सोच के...
आध्यात्मिक गुरु कई प्रकार के होते हैं, और उनकी विशेषताएँ उनके ज्ञान, उद्देश्य, और मार्गदर्शन के तरीकों पर निर्भर करती हैं। आमतौर पर, आध्यात्मिक...
वैराग्य उम्र का मोहताज नहीं होता, बल्कि यह आत्मिक अनुभूति और जीवन के प्रति एक गहरी समझ से उत्पन्न होता है। कई बार युवा...
आध्यात्मिक दुनिया मे गुरु और शिष्य दोनो का महत्व बहुत है अगर गुरु और शिष्य का आचरण समर्पण योग्यता और समर्पण प्रेम व शिक्षा...