गुरु-शिष्य संबंध आध्यात्मिक मार्ग का एक अनमोल पहलू है, जिसमें निष्ठा, प्रेम, भक्ति, ज्ञान, यम-नियम और समर्पण अत्यंत आवश्यक हैं। इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित गुण...
अनाहद नाद (आकाशीय ध्वनि) का अनुभव और उत्पत्ति अनाहद नाद वह सूक्ष्म ध्वनि है जो आंतरिक साधना के एक उच्च स्तर पर अनुभव होती...
इन तीनों शरीरों को समझना आत्म-ज्ञान की ओर पहला कदम है।इन तीनों शरीरों को समझना आत्म-ज्ञान की ओर पहला कदम है। कैसे जाने कि...
तू सबको देखता है और रक्षा करता है उनमें मैं भी हु ओर मैं जब जब तुझको देखता हूं तू झमे खो जाता हूं...
अध्यात्म और योग में इसे “सूक्ष्म यात्रा” (Astral Projection) या “परकाया प्रवेश” (Parakaya Pravesh) कहा जाता है। इसमें कोई व्यक्ति अपने स्थूल शरीर को...
अध्यात्म और योग में इसे “सूक्ष्म यात्रा” (Astral Projection) या “परकाया प्रवेश” (Parakaya Pravesh) कहा जाता है। इसमें कोई व्यक्ति अपने स्थूल शरीर को...
सूक्ष्म कारण शरीर में सुषुम्ना नाड़ी का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मेरुदंड के मध्य स्थित होती है और इड़ा तथा पिंगला नाड़ियों के...
भारतीय आध्यात्मिक परंपरा और योग शास्त्र के अनुसार, मनुष्य के तीन शरीर होते हैं: सूक्ष्म शरीर का अस्तित्व कैसे माना गया? योग और ध्यान...
मानव शरीर के सात चक्र (मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्ध, आज्ञा और सहस्रार) सूक्ष्म शरीर (subtle body) में होते हैं, न कि स्थूल शरीर...
आत्मबोध का अर्थ है स्वयं के वास्तविक स्वरूप की पहचान, यानी यह समझना कि हम केवल शरीर या मन नहीं हैं, बल्कि चेतना (आत्मा)...