अध्याय: गुरु-निजशब्द और आत्म-एकत्व का रहस्य१. उपोद्घातउपनिषदों में कहा गया है कि ब्रह्मविद्या वही है जो श्रोतव्य, मन्तव्य, और निदिध्यासन के माध्यम से शिष्य...
दो श्लोक-संहिता की विस्तृत व्याख्या के साथ एक संयोजित अध्याय बनाकर प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसमें उपनिषद-गुरुकृपा, कबीर-नाम, और गुरु-शिष्य परंपराओं के उद्धरण सम्मिलित...