May 17, 2025 जब मन शून्य हो जाए: वहीं परमात्मा की अनुभूति है पिताजी बहुत कम बोलते थे और कुछ कहते उसे विस्तार से समझाते थे उनका कहना था कि एक शिष्य का मुख्य धर्म है गुरु... Read More
May 17, 2025 अनाहद नाद: गुरु-कृपा से आत्मा तक की दिव्य यात्रा पिताजी साहब का कहना था कि जब कोई पूर्ण गुरु जो संत रूप में होता है जब किसी योग्य व्यक्ति को शिष्य बनाता है... Read More
May 17, 2025 कबीर की दृष्टि: बाहरी कर्म से नहीं, भीतरी प्रेम से मोक्ष तीरथ तीरथ जग मुवा उंडे पानी नहाए रायही रामहीना जबाकाल घसीटे जाययह दोहा संत कबीर का है, जिसमें वे तीर्थयात्रा और बाहरी कर्मकांडों की... Read More
May 17, 2025 उत्तरायण-दक्षिणायन और मोक्ष: संत के लिए समय नहीं, साधना महत्वपूर्ण है अगर 6 6 महीने उतरायन ओर दक्षिण यायन रहेगा तो क्या दक्षीनयन में जो खत्म होगा चाहे संत हो मोक्ष नही होगी ये फिजूल।की... Read More
May 17, 2025 सच्चे संत के दस दिव्य गुण एक सच्चे संत में निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक माना गया है: Read More
May 17, 2025 सोहम ध्यान योग केंद्र: सेवा, साधना और संस्कार की जीवंत परंपरा मेरे पिता डॉक्टर चंद्र गुप्ता जी महात्मा राधा मोहन लाल जी आधोलिया के परम शिष्य रहे और उन्हें ओर महात्मा रामचंद्र जी के परम... Read More