October 6, 2025 अनाहत नाद: उपनिषदों से सीखें परम चेतना की साधना उपनिषदों के अनुसार, नाद ब्रह्म (शब्द-ब्रह्म) वह दिव्य ध्वनि है जिससे ब्रह्मांड की उत्पत्ति होती है। यह अनाहत नाद कहलाता है, जो किसी भी... Read More
October 6, 2025 अनाहत नाद: साधना के माध्यम से आत्मा और परमात्मा का संगम वेदों में वर्णित नाद ब्रह्म वह दिव्य अनाहत ध्वनि है जो ब्रह्म के स्वरूप और परमात्मा का अनंत, नित्य और शुद्ध स्वरूप है। इसे... Read More
October 5, 2025 जब साधक एक हो जाता है: समाधि और अनंत चेतना का अनुभव किसी भी उच्च साधक जिसे संत कहा जाता है, जब वह समाधि की अवस्था में होता है, तो उसका शरीर और चेतना आकाश तत्व... Read More
October 4, 2025 शून्यता से पूर्णता तक: अद्वैत का अनुभव और महालय का दर्शन शून्य में शून्य मिलने और अंतः एकात्मकता के दर्शनिक तथा आध्यात्मिक अर्थों पर विस्तृत व्याख्या इस प्रकार है:दर्शनिक अर्थशून्यता और पूर्णता का यह विचार... Read More
October 4, 2025 शक्तिपात: गुरु की कृपा से जागृत होता आंतरिक प्रकाश गुरु अपने मनचाहे शिष्य को शक्तिपात इसलिए करते हैं ताकि उस शिष्य को दिव्य ऊर्जा, ज्ञान और आत्मज्ञान की जागृति मिल सके। शक्तिपात एक... Read More
October 2, 2025 आत्म-सुधार का पर्व: विकारों के दहन से आत्मज्ञान तक आज दशहरे के दिन बरसात में भीमकाय रावण के पुतले को भीगते देखा और पल भर में उनका रूप विकृत हो गया उनको जलने... Read More