September 5, 2025 शुक्ल और कृष्ण पक्ष: जीवन मृत्यु के पारमार्थिक रहस्य आध्यात्मिक दृष्टि से शुक्ल और कृष्ण पक्ष का महत्वभारतीय आध्यात्म और शास्त्रों में, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों का ही गहरा आध्यात्मिक महत्व... Read More
August 28, 2025 जब दृष्टि निर्मल हो सर्वत्र वही ही तू है” का अर्थ है – साधक को हर जगह वही परमात्मा, वही चेतना, वही ईश्वर दिखाई देता है।जब दृष्टि भीतर से निर्मल... Read More
August 26, 2025 ॐ और आत्मा: चेतना की चार अवस्थाओं का दिव्य रहस्य सूर्य और “ॐ”ऋग्वेद, उपनिषद और योगशास्त्र में कहा गया है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड एक ही मूल ध्वनि “ॐ” (प्रणव) से स्पंदित है सूर्य को... Read More
August 21, 2025 प्रेम से समाधि और समाधि से अनाहत नाद तक भक्ति से शुरू होकर समाधि और अंत में नाद ब्रह्म तक पहुँचना। यह मार्ग एक साधक के लिए सबसे महत्वपूर्ण और transformative (रूपांतरकारी) होता... Read More
August 19, 2025 आत्मा की यात्रा: भौतिक लोक से परमात्मा तक मनुष्य जन्म।लेने के बाद कर्म के अनुसार जन्म।लेता है और जन्म।के समय पूर्व कर्मो के अनुसार घर चुन जन्म।ले कर बड़ा होता है और... Read More
August 2, 2025 वेदों में गुरु का दिव्य स्थान और योगदान वेदों में गुरु का महत्व और योगदान आध्यात्मिकता के संदर्भ में अत्यंत उच्च माना गया है। गुरु को आध्यात्मिक मार्ग का पथ-प्रदर्शक, ज्ञान का... Read More