June 11, 2025 सहस्त्रार चक्र: चेतना का आकाश और मुक्ति का द्वार सहस्त्रार चक्र शुद्ध चेतना, ज्ञान और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ा है। आकाश तत्व भी अनंतता, शून्यता और सर्वव्यापकता का प्रतीक है। जब कुंडलिनी ऊर्जा... Read More
June 11, 2025 नादब्रह्म से शून्यता तक: आत्मा का अनंत में विलय नाद ब्रह्म की प्राप्ति के बाद मोक्ष की स्तिथि कब किसी इंसान में अति है जब उसका कब्जा आंतरिक्ष में शून्यता में विलीन होता... Read More
June 11, 2025 निर्बीज समाधि: जब आत्मा को पूर्ण मुक्ति का अनुभव होता है निर्बीज समाधि योग की अंतिम और सर्वोच्च अवस्था है। ‘निर्बीज’ का अर्थ है ‘बिना बीज के’, यानी ऐसी अवस्था जहाँ पुनर्जन्म के कोई बीज... Read More
June 11, 2025 समाधि और ओम: शुद्ध चेतना की अनंत ध्वनि समाधि में ध्यान की अवस्था में विचार शून्य हो जाते हैं, क्योंकि मन पूर्णतः एकाग्र और शांत हो जाता है। इस अवस्था में चेतना... Read More
June 11, 2025 गुरु में लय: शिष्य की आत्मा का परम मिलन गुरु का शिष्य में लय होना या शिष्य का गुरु में लय होना: आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्यआध्यात्मिक मार्ग पर गुरु और शिष्य के बीच ‘लय’ (एकरूपता)... Read More
June 11, 2025 साधना: जीवन को दिव्यता से जोड़ने की कला साधना (अभ्यास)लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योगी विभिन्न प्रकार की साधना करते हैं। साधना सिर्फ कठिन अभ्यास नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है जिसमें... Read More