June 20, 2025 नाद में विलीन होती पहचान: जब ‘मैं’ मिटता है और ‘तू’ प्रकट होता है अध्यात्म में ‘मैं’ को मिटाकर ‘तू’ बनने की प्रक्रिया औरअद्यतमिक नाद का महत्व बहुत कुछ मायने रखता है जिसमे मैं’ को मिटाकर ‘तू’ बनने... Read More
June 16, 2025 गुरु-कृपा और शिष्य-भक्ति: आत्मा की अनमोल यात्रा गुरुदेव की अद्यतमिक।कृपा की राहत और शिष्य की योग्य बनने की चाहत का विषय बहुत गहरा और आध्यात्मिक है, जो गुरु-शिष्य परंपरा, भक्ति और... Read More
June 16, 2025 मर्यादा के प्रतीक: लक्ष्मण रेखा और गांधारी का सुरक्षा चक्र लक्ष्मण रेखा और गांधारी का सुरक्षा चक्र, दोनों ही भारतीय पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण प्रतीक हैं, जो आधुनिक संदर्भ में भी नैतिक, सामाजिक और... Read More
June 13, 2025 शिष्य की कसौटी: जहाँ परीक्षा ही पवित्रता का द्वार है इल्लत, किल्लत, जिल्लत’ को झेलकर ही शिष्य पूर्णता की ओर बढ़ता है, यह भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा का एक अभिन्न अंग रहा है। आइए इसे... Read More
June 13, 2025 मर्यादा से सुरक्षा तक: लक्ष्मण रेखा और गांधारी के प्रतीकात्मक अर्थ इल्लत, किल्लत, जिल्लत’ को झेलकर ही शिष्य पूर्णता की ओर बढ़ता है, यह भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा का एक अभिन्न अंग रहा है। आइए इसे... Read More
June 13, 2025 ज्ञान की तलवार देखो, म्यान की जाति नहीं “साधु (संत) की जाति मत पूछो, उसके ज्ञान को देखो।जैसे तलवार का मूल्य होता है, उसकी म्यान (नीचे का खोल) का नहीं।” व्याख्या (अद्वैत... Read More