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शास्त्रों में आत्मा के विषय में:

भगवद गीता: “वेदाविनाशिनं नित्यं य एनमजमव्ययम्” – आत्मा अविनाशी, नित्य, अजन्मा, और अपरिवर्तनीय है। उपनिषद: “अहं ब्रह्मास्मि” – आत्मा ही ब्रह्म (परमात्मा) है। बृहदारण्यक...

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आत्मा का ज्ञान क्यों आवश्यक है?

मुक्ति (मोक्ष): आत्मा का साक्षात्कार ही मोक्ष का मार्ग है, जो पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति दिलाता है। अहंकार का विनाश: आत्मा के ज्ञान...

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आत्मा और शरीर का संबंध:

शरीर, मन, और बुद्धि आत्मा के साधन मात्र हैं। आत्मा इनसे परे है और इन्हें नियंत्रित करती है, लेकिन स्वयं इनसे प्रभावित नहीं होती।...

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