विकार, जिन्हें क्लेश भी कहा जाता है, मानवीय मन की वो अशुद्धियाँ हैं जो हमें दुख और अशांति देती हैं। योग दर्शन और विभिन्न...
ध्यान योग (Meditation Yoga) में आत्मा की मुक्ति साक्षीभाव व समाधि द्वारा प्राप्त होती है। अंतिम अवस्था: निर्विचार समाधि / सहज समाधिमन के समस्त...
अध्यात्म में “खाक में मिलना” एक गहन और प्रतीकात्मक अवधारणा है, जो आत्मा, जीवन और मृत्यु के चक्र से जुड़ी है। यह वाक्यांश सामान्य...
जब कोई व्यक्ति जीवन की अंतिम अवस्था ओर अध्यआत्मिक्ता के उच्च शिखर पर पहुच वियरगी बन संसार से विरक्त हो इस स्थिति को प्राप्त...
देवयान गति” (Devayana gati) भारतीय दर्शन, विशेष रूप से उपनिषदों और वेदांत में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। इसे मृत्यु के बाद आत्मा के यात्रा...
अद्यतमिक योग में महर्षि पतंजलि के द्वारा योग के आठ अंग बताये गए हैयमनियमआसनप्राणायामप्रत्याहारधारणाध्यानसमाधिये आठ सीढ़िया है जो हमे अद्यतमिक योग में ऊंचाई पर...
पिताजी साहब ओर हमारे यहां ध्यान में आने वाले सत्संगी गुरु के प्रति जो भाव रखते है वह है गुरु के प्रति दीवानगी और...
तत्वदर्शी संत” एक ऐसा शब्द है जिसका अध्यात्म में बहुत गहरा और विशिष्ट अर्थ है। यह केवल एक साधारण संत या धार्मिक व्यक्ति नहीं...