Vachan

तत्वदर्शी संत: आत्म-ज्ञान से मोक्ष तक का दिव्य पथप्रदर्शक

तत्वदर्शी संत” एक ऐसा शब्द है जिसका अध्यात्म में बहुत गहरा और विशिष्ट अर्थ है। यह केवल एक साधारण संत या धार्मिक व्यक्ति नहीं...

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नाद में विलीन होती पहचान: जब ‘मैं’ मिटता है और ‘तू’ प्रकट होता है

अध्यात्म में ‘मैं’ को मिटाकर ‘तू’ बनने की प्रक्रिया औरअद्यतमिक नाद का महत्व बहुत कुछ मायने रखता है जिसमे मैं’ को मिटाकर ‘तू’ बनने...

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मर्यादा से सुरक्षा तक: लक्ष्मण रेखा और गांधारी के प्रतीकात्मक अर्थ

इल्लत, किल्लत, जिल्लत’ को झेलकर ही शिष्य पूर्णता की ओर बढ़ता है, यह भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा का एक अभिन्न अंग रहा है। आइए इसे...

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नाद ब्रह्म की प्राप्ति के बाद मोक्ष की स्तिथि कब किसी इंसान में अति है जब उसका कब्जा आंतरिक्ष में शून्यता में विलीन होता है यानी शून्य का शून्य में लय होना

नादब्रह्म की प्राप्ति और मोक्ष की स्थिति के संदर्भ में आपका प्रश्न गहन और दार्शनिक है। भारतीय दर्शन, विशेष रूप से वेदांत और योग...

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