गहन समाधि की अवस्था में सत्त्व गुण (सात्त्विक तत्व) अधिक सक्रिय रहता है। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं: समाधि में मन पूरी तरह से...
पंचतत्वों में से वायु और आकाश तत्व ध्यान अवस्था में शरीर को भारहीन (हल्का) महसूस करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वायु तत्व हल्केपन,...
कई आध्यात्मिक परंपराओं में यह माना जाता है कि पूर्ण गुरु अपने शिष्य का मार्गदर्शन न केवल जीवन में बल्कि मृत्यु के बाद भी...
ईश्वर हमें हमारे दोष कई तरीकों से जाहिर करता है, लेकिन इसे समझने के लिए आत्मचिंतन और जागरूकता जरूरी होती है। कुछ मुख्य तरीके...
निष्काम कर्म और आध्यात्मिक फकीरी जब कोई व्यक्ति निष्काम कर्म करता है, तो वह संसार में रहकर भी उसमें लिप्त नहीं होता। वह अपने...
संत शिष्य को केवल्य पद (मोक्ष या आत्म-साक्षात्कार) पर ले जाने के लिए निम्नलिखित कार्य करते हैं: संत का मुख्य कार्य शिष्य को आत्मबोध...
पूर्ण वैराग्य तब संभव है जब इंसान संसार के सुख-दुःख, सफलता-असफलता, और रिश्तों के बंधनों से ऊपर उठकर समभाव में स्थित हो जाए। इसके...