Guru Ji

सहस्त्रार चक्र: चेतना का आकाश और मुक्ति का द्वार

सहस्त्रार चक्र शुद्ध चेतना, ज्ञान और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ा है। आकाश तत्व भी अनंतता, शून्यता और सर्वव्यापकता का प्रतीक है। जब कुंडलिनी ऊर्जा...

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निर्बीज समाधि: जब आत्मा को पूर्ण मुक्ति का अनुभव होता है

निर्बीज समाधि योग की अंतिम और सर्वोच्च अवस्था है। ‘निर्बीज’ का अर्थ है ‘बिना बीज के’, यानी ऐसी अवस्था जहाँ पुनर्जन्म के कोई बीज...

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नाद ब्रह्म की प्राप्ति के बाद मोक्ष की स्तिथि कब किसी इंसान में अति है जब उसका कब्जा आंतरिक्ष में शून्यता में विलीन होता है यानी शून्य का शून्य में लय होना

नादब्रह्म की प्राप्ति और मोक्ष की स्थिति के संदर्भ में आपका प्रश्न गहन और दार्शनिक है। भारतीय दर्शन, विशेष रूप से वेदांत और योग...

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