भवसागर का अर्थ होता है — यह संसार रूपी महासागर, जिसमें जन्म-मृत्यु का चक्र, मोह-माया, दुःख-सुख, और अज्ञान की लहरें हैं। और इसे पार...
आज सुबह तपती सूर्य कीरोशनीमें टहलने के लिए निकला तोलगाशरीर गर्मी से तप रहा था गलाप्यासके मारे सुख रहा था शरीर गर्मीकेमारे पसीना पसीना...
मैं ओर तू की तलाश आध्यात्मिक चिंतन की ओर संकेत करते हैं। जीवन में अध्यात्म तब आता है जब हम स्वयं को भीतर से...
“बिरहनि बिरहा ले गयकर्ता कार कहार”अर्थ:विरह (प्रेम-वियोग की पीड़ा) ने ‘बिरहा’ (वियोगी प्रेमी) को अपने साथ ले लिया — जैसे कोई कहार (पालकी ढोने...
भवसागर का अर्थ होता है — यह संसार रूपी महासागर, जिसमें जन्म-मृत्यु का चक्र, मोह-माया, दुःख-सुख, और अज्ञान की लहरें हैं। और इसे पार...
“बिरहनि बिरहा ले गयकर्ता कार कहार”अर्थ:विरह (प्रेम-वियोग की पीड़ा) ने ‘बिरहा’ (वियोगी प्रेमी) को अपने साथ ले लिया — जैसे कोई कहार (पालकी ढोने...
आज फिर उठा और मुह धो कर आईने में देखा तो आईना कहने लगा तुम को हो मैं तुम्हे जानता ही नही क्योकि आज...
शब्दार्थ: सुरीति = उत्तम आचरण / शुभ नीति निरति = लगन, गहरी रुचि पीव = प्रियतम / परमात्मा (यहाँ “ध्यान का प्रिय विषय”) यदि...
यह प्रश्न केवल तर्क का नहीं, आत्मिक अनुभव और परंपरा का विषय है। आइए इसे आध्यात्मिक दृष्टि से समझें: गुरु को शिष्य चुनने की...
यान देने योग्य बात है कि यह पद पूरी तरह से आध्यात्मिक दृष्टिकोण से रचा गया है। इसमें “सूक्ष्म” शब्द आत्मा, ब्रह्म, या परम...