Guru Ji

स्वयं को जानना, स्वयं को बदलना: आध्यात्मिक उत्थान की राह

स्व-आत्मज्ञान और चरित्र परिवर्तन का आध्यात्मिक मार्ग स्व-आत्मज्ञान का अर्थ है अपने असली स्वरूप को पहचानना—यह समझना कि हम केवल शरीर और मन नहीं...

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जब आत्मा दिशा चुनती है: उत्तरायण की ओर मोक्ष की यात्रा

श्लोक 8.24 – उत्तरायण मार्ग (देवयान मार्ग) श्लोक: अग्निर्ज्योतिरह: शुक्लः षण्मासा उत्तरायणम्।तत्र प्रयाता गच्छन्ति ब्रह्म ब्रह्मविदो जनाः॥ शब्दार्थ: अग्निः – अग्नि तत्व (प्रकाश, ऊर्जा),...

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सच्चे मन से खोजो तो सद्गुरु अवश्य मिलते हैं: श्रद्धा, संगत और आत्मिक परिवर्तन की यात्रा

शिष्य यदि अज्ञानी हो — तो भी वह सच्चे हृदय से सद्गुरु की तलाश कर सकता है। ज्ञान की शुरुआत ही जिज्ञासा और विनम्रता...

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अनाहद नाद (Anahad Nada) योग, तंत्र, और भारतीय अध्यात्म में एक गहन अवधारणा है, जो आंतरिक ध्वनि या “बिना आघात की ध्वनि” को संदर्भित...

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“सुरीति निरति का पीव है, शब्द विलास विनोद” शब्दार्थ: सुरीति = उत्तम आचरण / शुभ नीति निरति = लगन, गहरी रुचि पीव = प्रियतम...

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