हम गुरु से तो सब कुछ चाहते है कि शिष्य कहे ओर गुरु उसे उसी ववत बिना देर किए उसके ओर उसके परिवार के...
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर: । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः” प्राचीन काल में गुरु और शिष्य के संबंधों का आधार था...
चेतना और साधना हम जिस प्रकार सोच और महसूस कर रहे हैं उससे केवल निरन्तर बंधन का जाल निर्मित किए जा रहे हैं। वे...
किसी भी योग्य गुरु जो आपकी राय में गुरु कहलाने लायक ओर गुरु बनने के गुण या योग्यता रखता है निष्काम निर्पेक्ष स्वार्थ रहित...
गीता सार क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सकता है? आत्मा ना पैदा होती है, न मरती...
जो निष्ठापूर्वक सद्गुरु का अनुसरण करता है वह उसके समान हो जाता है, क्योंकि गुरु अपने शिष्य को अपने ही स्तर तक उठने में...
जानता हूं मेरा जन्म लेना ही मेरे पुनर्जन्म के रहे शेष कर्मो का भुगतान ही कारण है हा ये ही एक मुख्य कारण है...
दर पे तेरे आ के न जाने क्यों अपने आप शीश झुक जाता है देख कर दिल को चैन ओर मन शांत हो जाता...
अगर हममे अपने गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा और विस्वास है तो हम गुरु के द्वारा दी गई ऊर्जा की ग्रहण कर उस काबिल...
मानव आध्यात्मिकता तीन पहलुओं से बनी है: रिश्ते, मूल्य और जीवन का उद्देश्य