Guru Ji

 सुख की विभिन्न अवस्थाएँ

परा  –वाणी  लेखक    समर्थ सदगुरू महात्मा श्री रामचन्द्र जी महाराज                        ( श्री लालाजी महाराज  ) (समर्थ  सद्गुरु महात्मा  श्री  रामचंद्र  जी महाराज द्वारा  उर्दु  में ...

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ज्ञान अज्ञान है

ज्ञान अज्ञान है। ज्ञान अज्ञान के परे विज्ञान है। सच्चा ज्ञान तभी हो जब भक्त गुरुदेव मे लीन हो। अपनी खबर न हो लेकिन...

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नफ़्स (मन) का मुकाबला

अकलमंद वह है जिसने अपने नफ़्स (मन) का मुकाबला किया और उसको पाक करने की हर लम्हा जुस्तजू में रहा और बेवकूफ़ वह है...

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गुरु ज्ञान और योग

गुरु ज्ञान और योग और एकाग्रता व अध्यात्म का समुन्दर है यदि हम कोई कंकर को ले और उसे समुन्दर या तालाब या नदी...

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राग और वैराग्य

एक में प्राण वायु प्रश्वास, दूसरे में शरीर की प्रयुक्त वायु निश्वास व सुशुम्ना इन दोनों श्वासों को बेलेंस।न्यूटरल का कार्य करने में प्रयुक्त...

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सुषुम्ना नाड़ी

सुषुम्ना नाड़ियों में इंगला, पिगला और सुषुम्ना तीन प्रधान हैं. इनमें भी सुषुम्ना सबसे मुख्य है। सुषुम्ना नाड़ी जिससे श्वास, प्राणायाम और ध्यान विधियों...

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चक्र

1. मूलाधार चक्र 2. स्वाधिस्ठान चक्र 3. नाभि चक्र 4. अनाहत चक्र 5. विशुद्धि चक्र 6. आज्ञा चक्र 7. सहस्रार चक्र; A. कुण्डलिनी B....

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शिष्य के कर्तव्य

शिष्य को गुरु के समान आसन पर नहीं बैठना चाहिए। यदि गुरु जमीन पर बैठे हों तो शिष्य भी जमीन पर बैठ सकते हैं।...

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शिष्य का मन

यह मेरा मानना है के सभी गुरु दिन में एक बार अपने हर शिष्य के मन में झांक के देखते है के वह कहां...

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