लफ्ज़ आदमी हैवानी वजूद है और इंसान अख़लाकी वजूद है। और परमात्मा की मंशा ये है कि हम हैवानी वजूद से निकलकर इंसानी वजूद...
पिताजी साहब जब भी ध्यान में लय रहते ओर ध्यान की उच्च अवस्था मे वो गुरु में लय रहते थे तो उनके शरीर से...
पूर्ण रूप से मन और चित्त को शांत कर एकाग्र होसमाधि अवस्था मे जब कोई व्यक्ति या साधक अतल गहराइयों में डुबकी लगाता है।...
ध्यान और समाधि की अवस्था मे जो फन तुझे हासिल था वो मिसाल आज भी देखने को नही मिलती जिस पर भी हो जाती...
हा मैं हु नया साल 2023 आ रहा हु सब गम जो मिले है गत वर्षों में उन्हें भुलाकर आपके लिए नई खुशिया ला...
शक्ति का प्रयोग मैं सत मासा पैदा हुआ हूं व भी जुड़वा इसलिए शरीर उतना बलवान नही हो पाया जो एक स्वस्थ इंसान का...
एक घटना ओर मैं लिखना चाहूंगा ये घटना 1995 की है मैं मालवीय नगर के मकान में रहने लगा था मेरे पास लूना थी...
5 दिसंबर से 27 दिसम्बर तक महात्मा अब्दुल गनी साहब का उर्स होने के कारण उनका स्मरण किया गया इस स्मरण में वो लुफ्त...
जब भी गुरु देव के शिक्षण ओर अभ्यास से शिष्य समाधि की चरम अवस्था मे पहुच जाता है, तो ये समाधि की अंतिम अवस्था...