Vachan

मर्यादा से सुरक्षा तक: लक्ष्मण रेखा और गांधारी के प्रतीकात्मक अर्थ

इल्लत, किल्लत, जिल्लत’ को झेलकर ही शिष्य पूर्णता की ओर बढ़ता है, यह भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा का एक अभिन्न अंग रहा है। आइए इसे...

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“साधु (संत) की जाति मत पूछो, उसके ज्ञान को देखो।जैसे तलवार का मूल्य होता है, उसकी म्यान (नीचे का खोल) का नहीं।”

व्याख्या (अद्वैत वेदांत व सूफ़ी दृष्टिकोण से): संत कबीर इस दोहे के माध्यम से समाज में फैली जाति व्यवस्था की आलोचना करते हैं। वे...

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नाद ब्रह्म की प्राप्ति के बाद मोक्ष की स्तिथि कब किसी इंसान में अति है जब उसका कब्जा आंतरिक्ष में शून्यता में विलीन होता है यानी शून्य का शून्य में लय होना

नादब्रह्म की प्राप्ति और मोक्ष की स्थिति के संदर्भ में आपका प्रश्न गहन और दार्शनिक है। भारतीय दर्शन, विशेष रूप से वेदांत और योग...

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अद्यतमिक दुनिया मे गुरु और शिष्य का साथ जन्म।जन्मों से चला आ रहा है और जब जन शिष्य जन्म लेता है तो गुरु देव...

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