जब किसी योग्य गुरु के सानिध्य में रह कर गुरु की मेहर से शिष्य में नाद उतपन्न हो वो नाद-लय’ में डूबा हुआ रहता...
राम सन्देश : जनवरी-फ़रवरी, 2012. ...
कल उदास मन था फिर भी चारो ओर रोशनी के माहौल ने मुझे चेता दिया की बाहर के उजाले के उजाले से मन के...
आपने सच ओर अकाट्य सच लिखा है पर कभी कभी जब अपनो की या गुरु की याद आती है और हम अपने इस छोटे...
आं बादशाहे-आलम दर बस्ता बूद महकम…….पोशीद दलक-आदम यअमी कि बर दर आमद!!! अनुवाद – “शहंशाहों के शहंशाह ने शरीर के अंदर बैठकर मजबूती से...
सूरज थकता नहीं, चांद थकता नहीं और हमारा मन भी थकता नहीं। सूरज और चांद एक दिशा में चलते हैं हमारे मन को भी...
जब आईने को साफ कर पौछा तो मैं नजर उसमे आया पर घबराया नही फिर अंदर के मन से मैं को साफ किया तो...
आ’शिक़-ए-यारम मरा बा-कुफ़्र-ओ-बा-ईमाँ चे कार…….तिश्न-ए-दर्दम मरा बा-वस्ल-ओ-बा-हिज्राँ चे कार। ( मैं तो यार का आ’शिक़ हूँ मुझे कुफ़्र और ईमान से क्या काम, मैं...
असली लाईफ पार्टनर तो नफ़्स (मन) है, बीबी तो बेचारी बस बदनाम है…….. इतनी बातें उसकी थोड़ी मानता है इंसान जितनी अपने नफ़्स (मन)...
अकाट्य सच लिखा है पहले के समय मे खानपान में शुद्धता मिलती थी शहर व गांव प्रदूषण रहित ओर सब वस्तु शुद्ध मिलती थी...