बक़ा (Baqa) का आध्यात्मिक अर्थ “बक़ा” एक सूफ़ी और आध्यात्मिक अवधारणा है, जिसका अर्थ है अस्तित्व की स्थायी अवस्था या ईश्वर में स्थायी रूप...
ईश्वर और गुरु में भेद का प्रश्न आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत गहरा है। ईश्वर सर्वव्यापी, निराकार और असीम शक्ति है, जबकि गुरु साकार रूप...
आध्यात्मिक व्यक्ति की सोच गहरी, संतुलित और परोपकारी होती है जब वो किसी भी आध्यात्मिक गुरु की शरण स्वीकार कर उसकी तरह आध्यात्मिक ओथ...
गुरु शिष्य को पारंगत (दक्ष) बनाने के लिए कई मार्ग अपनाता है, जो शिष्य की क्षमता, जिज्ञासा और साधना पर निर्भर करते हैं। भारतीय...
कुर्मा मूर्धा नाड़ी” का उल्लेख कई प्राचीन योग और तांत्रिक ग्रंथों में मिलता है। कुछ महत्वपूर्ण ग्रंथ जो इस नाड़ी से जुड़े हैं: इस...
कुर्मा मूर्धा नाड़ी” योग और आयुर्वेद से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विषय है। इसे “कूर्म नाड़ी” या “कूर्म मुद्रा” भी कहा जाता है। यह एक...
संगति (अच्छी संगति) और कुसंगति (बुरी संगति) का आध्यात्मिक जीवन में बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। यह हमारे विचारों, भावनाओं और कर्मों को प्रभावित...
समाधि, ध्यान, मनन, चिंतन, एकाग्रता और तल्लीनता ये सभी आध्यात्मिक और मानसिक अभ्यास के महत्वपूर्ण तत्व हैं, जो व्यक्ति को आत्मज्ञान, शांति और सत्य...
समाधि, ध्यान, मनन, चिंतन, एकाग्रता और तल्लीनता ये सभी आध्यात्मिक और मानसिक अभ्यास के महत्वपूर्ण तत्व हैं, जो व्यक्ति को आत्मज्ञान, शांति और सत्य...
ध्यान समाधि की पराकाष्ठा तब आती है जब साधक पूरी तरह से आत्म-विस्मृति (self-forgetfulness) की अवस्था में पहुँच जाता है, जहाँ मन, बुद्धि और...