पाताल लोक हिंदू धर्म में भौतिक और सूक्ष्म दोनों स्तरों पर वर्णित है। यह धरती के नीचे स्थित सात लोकों में से एक है,...
ब्रह्मांड में आत्माओं के विभिन्न स्तरों की स्थिति को समझने के लिए, हमें हिंदू धर्म, योग, और आध्यात्मिक परंपराओं के दृष्टिकोण को देखना होगा।...
अज्ञानी व्यक्ति संत कैसे बन सकता है? और क्या गुरु-कृपा से पूर्ण संत बना जा सकता है?—ये प्रश्न आत्मज्ञान, साधना और भक्ति के मूल...
केवल्य (मोक्ष) की अवस्था तब आती है जब आत्मा सभी विकारों, मोह, अहंकार, और इच्छाओं से मुक्त हो जाती है। जब तक शरीर की...
विज्ञान और अध्यात्म दो अलग-अलग दृष्टिकोण हैं, जिनके सिद्धांत, उद्देश्य और तरीकों में मौलिक अंतर होता है। विज्ञान का दृष्टिकोण मापन और परीक्षण: विज्ञान...
अष्ट सिद्धियाँ वे विशेष आध्यात्मिक और योगिक शक्तियाँ हैं, जिनकी प्राप्ति से साधक चमत्कारी कार्य करने में सक्षम हो जाता है। ये हैं:
अध्यात्मिक साधनाओं (Adhyatmik Siddhiyan) के माध्यम से व्यक्ति आत्मबोध, ज्ञान और मोक्ष की ओर बढ़ सकता है। कुछ प्रमुख सिद्धियाँ जो व्यक्ति को अध्यात्म...
वेदों के अनुसार, मनुष्य अपने अवगुणों को दूर करके केवल्य (मोक्ष या आत्मसाक्षात्कार) प्राप्त कर सकता है। इसके लिए निम्नलिखित मार्गदर्शन दिया गया है:...
जब हम।किसी उच्चवह कोटि के संत के अनुयायी बन के दीक्षा लेने के बाद भक्ति ज्ञान ध्यान की अवस्था को पार कर समाधि की...
गहन समाधि की अवस्था में सत्त्व गुण (सात्त्विक तत्व) अधिक सक्रिय रहता है। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं: समाधि में मन पूरी तरह से...