अध्यात्म और योग में इसे “सूक्ष्म यात्रा” (Astral Projection) या “परकाया प्रवेश” (Parakaya Pravesh) कहा जाता है। इसमें कोई व्यक्ति अपने स्थूल शरीर को...
अध्यात्म और योग में इसे “सूक्ष्म यात्रा” (Astral Projection) या “परकाया प्रवेश” (Parakaya Pravesh) कहा जाता है। इसमें कोई व्यक्ति अपने स्थूल शरीर को...
सूक्ष्म कारण शरीर में सुषुम्ना नाड़ी का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मेरुदंड के मध्य स्थित होती है और इड़ा तथा पिंगला नाड़ियों के...
भारतीय आध्यात्मिक परंपरा और योग शास्त्र के अनुसार, मनुष्य के तीन शरीर होते हैं: सूक्ष्म शरीर का अस्तित्व कैसे माना गया? योग और ध्यान...
मानव शरीर के सात चक्र (मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्ध, आज्ञा और सहस्रार) सूक्ष्म शरीर (subtle body) में होते हैं, न कि स्थूल शरीर...
आत्मबोध का अर्थ है स्वयं के वास्तविक स्वरूप की पहचान, यानी यह समझना कि हम केवल शरीर या मन नहीं हैं, बल्कि चेतना (आत्मा)...
कोई व्यक्ति संत क्यों बनना चाहता है? कोई भी व्यक्ति संत बनने की इच्छा तब करता है जब उसे सांसारिक सुखों और भौतिक वस्तुओं...
संत, महात्मा, सद्गुरु, परमसंत, मुनि, और पीर – ये सभी आध्यात्मिक मार्गदर्शक और उच्च कोटि के साधक होते हैं, लेकिन इनकी भूमिका, परंपरा और...
हिंदू धर्म में गुरु का महत्व अत्यधिक बताया गया है, और यह माना जाता है कि गुरु के बिना आत्मज्ञान प्राप्त करना कठिन है।...
आज फिर से आईने के सामने कुछ जागते कुछ सोते मन मे खयाल लिए खड़ा हुआ तो आईने ने घूर के देख ओर सर...