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मेरा आईना

जब आईने को साफ कर पौछा तो मैं नजर उसमे आया पर घबराया नही फिर अंदर के मन से मैं को साफ किया तो...

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आ’शिक़-ए-यारम

आ’शिक़-ए-यारम मरा बा-कुफ़्र-ओ-बा-ईमाँ चे कार…….तिश्न-ए-दर्दम मरा बा-वस्ल-ओ-बा-हिज्राँ चे कार। ( मैं तो यार का आ’शिक़ हूँ मुझे कुफ़्र और ईमान से क्या काम, मैं...

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नफ़्स (मन)

असली लाईफ पार्टनर तो नफ़्स (मन) है, बीबी तो बेचारी बस बदनाम है…….. इतनी बातें उसकी थोड़ी मानता है इंसान जितनी अपने नफ़्स (मन)...

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खानपान में शुद्धता

अकाट्य सच लिखा है पहले के समय मे खानपान में शुद्धता मिलती थी शहर व गांव  प्रदूषण रहित ओर सब वस्तु शुद्ध मिलती थी...

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जाग्रत हृदय

जाग्रत हृदय की पहचान ऐसे समझ सकतें है कि जैसे आसमान में चमकते हुए तारे, ऐसे ही ज़मीन पर जाग्रत हृदय तारों की मानिंद...

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