Vachan

एक रोज जब गुरु देव के चरणोंमैं बैठ कर भक्ति कर दिखावा कररहा था तभी गुरु देव ने मुझेघूर कर देखाओर बोले ले ये...

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गंगा किनारे एक तपस्वी गुरु अपने शिष्य के साथ बैठे थे। शिष्य वर्षों से साधना कर रहा था, पर भीतर संतोष नहीं था। शिष्य:...

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सच्चा शिष्य और आध्यात्मिकता का शिखर my father’s wards आध्यात्मिकता कोई वस्तु नहीं जिसे बाहरी पूजाग-पाठ या दिखावे से पाया जा सके। यह तो...

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किसी भी इंसान की जब म्रत्यु होती है तो उसकी आत्मा की दो तरह की स्तिथि हो सकती है एक तो स्वम् से संतुष्ट...

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हमारे हिन्दू शास्त्रो में ब्रह्मा विष्णु और महेश को अलग अलग गुणों।के असधर पर व्यक्त किया गया है और कहा गया कि गंगा शिव...

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सूक्ष्म कारण शरीर से ब्रह्मांड के आंतरिक्ष की सैर” एक रहस्यमयी और आध्यात्मिक अवधारणा है जो योग, ध्यान और भारतीय दर्शन में वर्णित होती...

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अध्यात्म में . भंवर का प्रतीक: भंवर (या भँवरा) संत साहित्य में आत्मा या ईश्वर के अति सूक्ष्म और रहस्यमय स्वरूप का प्रतीक है।...

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भवसागर का अर्थ होता है — यह संसार रूपी महासागर, जिसमें जन्म-मृत्यु का चक्र, मोह-माया, दुःख-सुख, और अज्ञान की लहरें हैं। और इसे पार...

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“बिरहनि बिरहा ले गयकर्ता कार कहार”अर्थ:विरह (प्रेम-वियोग की पीड़ा) ने ‘बिरहा’ (वियोगी प्रेमी) को अपने साथ ले लिया — जैसे कोई कहार (पालकी ढोने...

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