sohamkendra

जीव के प्रकार

जीव दो प्रकार के होते हैं- बद्ध जीव और मुक्त जीवl\ जब जीव को आत्मज्ञान हो जाता है, वह अपने स्वरूप को पूर्णरूप से...

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अधिष्ठाता गणेश

आकाशस्याधिपो विष्णुरग्नेश्चैव महेश्वरी। वायोः सूर्यः क्षितेरीशो जीवनस्य गणाधिपः॥ अर्थात आकाश तत्व के अधिष्ठाता विष्णु, अग्नि तत्व की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा, वायु तत्व के अधिष्ठाता...

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खेचरी मुद्रा

खेचरी मुद्रा इस मुद्रा की साधना के लिए पद्मासन में बैठकर दृष्टि को दोनों भौहों के बीच स्थिर करके फिर जिह्वा को उलटकर तालु...

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हृदय में ईश्वर

जिन्होंने अपने आंतरिक अस्तित्व पर परिश्रम किया, अपनी आंतरिक व्ययवस्था को पवित्र किया, आत्मा को जाग्रत किया और आध्यात्मिकता की सहायता से ईश्वर को...

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याद

जब भी उसको याद करता हु तो यही चाहत होती है तेरी नजर मुझ पर बनी रहे और तेरी नजरे  इनायत यू ही प्रेम...

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भक्ति की सबसे उत्तम अवस्था

सख्य: ईश्वर को ही अपना परम मित्र समझकर अपना सर्वस्व उसे समर्पण कर देना तथा सच्चे भाव से अपने पाप पुण्य का निवेदन करना।...

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समर्थ सदगुरू महात्मा श्री रामचन्द्र जी महाराज

परा  –वाणी लेखक   समर्थ सदगुरू महात्मा श्री रामचन्द्र जी महाराज                               ( श्री लालाजी महाराज  ) (समर्थ  सद्गुरु महात्मा  श्री  रामचंद्र  जी महाराज द्वारा  उर्दु ...

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राम सन्देश – जिज्ञासा 

राम सन्देश – फरवरी,  1973.                                                   जिज्ञासा     एक प्रेमी भाई के ह्रदय में यह बात घिर आई है कि अब तो श्री गुरुदेव परमसन्त...

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इंसानी क़ल्ब (हृदय)

इंसानी क़ल्ब (हृदय) की मिसाल एक किले जैसी है और शैतान एक ऐसा दुश्मन है जो हर वक्त उस किले पर हमला करके कब्जा...

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