“शिव की जटा से गंगा निकलना” कोई सिर्फ भौतिक घटना नहीं, बल्कि गहरे योगिक और तंत्रिकीय (नाड़ी) रहस्यों का प्रतीक है।गंगा – शुद्ध चेतना...
आध्यात्मिक तरंग का शरीर के भीतर उत्पन्न होकर ब्रह्मांड तक प्रसारित होना और वापसी का संबंध योग, ध्यान और आत्मसाक्षात्कार की प्रक्रियाओं से है।...
विवेक (Discernment)विवेक का अभ्यास करने के लिए, हर स्थिति में खुद से यह सवाल पूछें: “क्या यह मेरे लिए सच में अच्छा है?”छोटे निर्णयों...
पहला स्वर्ग (वायुमंडलीय स्वर्ग): यह सबसे निचला स्वर्ग है जो पृथ्वी के आस-पास के आकाश या वायुमंडल को दर्शाता है। यह वह स्थान है...
अनाहत नाद एक ऐसी ध्वनि है जो बिना किसी टक्कर या घर्षण के उत्पन्न होती है। यह ब्रह्मांड की शाश्वत, आंतरिक ध्वनि है, जिसे...
मेरे पिताजी का कहना था जो व्यक्ति इस संसार से विरक्त हो वीतरागी या केवल्य स्तिथि अपने गुरु की मेहेर से पा लेता है...
गुरु = सूर्य की उपमा को आध्यात्मिक दृष्टि से कुछ बिंदुओं में समझिए :1. प्रकाश का दानसूर्य स्वयं जलता है और सबको प्रकाश देता...
ये शास्ट्रोनमेवलिख हैइसमें वेद-उपनिषद, गीता और स्मृति-ग्रंथों में बताए गए देवयान और पितृयान मार्गों का अच्छा सार है, और साथ ही आपने अपनी व्यक्तिगत...
आध्यात्मिक दृष्टि से शुक्ल और कृष्ण पक्ष का महत्वभारतीय आध्यात्म और शास्त्रों में, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों का ही गहरा आध्यात्मिक महत्व...
ही तू है” का अर्थ है – साधक को हर जगह वही परमात्मा, वही चेतना, वही ईश्वर दिखाई देता है।जब दृष्टि भीतर से निर्मल...