नाद ब्रह्म की प्राप्ति के बाद मोक्ष की स्तिथि कब किसी इंसान में अति है जब उसका कब्जा आंतरिक्ष में शून्यता में विलीन होता...
निर्बीज समाधि योग की अंतिम और सर्वोच्च अवस्था है। ‘निर्बीज’ का अर्थ है ‘बिना बीज के’, यानी ऐसी अवस्था जहाँ पुनर्जन्म के कोई बीज...
समाधि में ध्यान की अवस्था में विचार शून्य हो जाते हैं, क्योंकि मन पूर्णतः एकाग्र और शांत हो जाता है। इस अवस्था में चेतना...
गुरु का शिष्य में लय होना या शिष्य का गुरु में लय होना: आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्यआध्यात्मिक मार्ग पर गुरु और शिष्य के बीच ‘लय’ (एकरूपता)...
साधना (अभ्यास)लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योगी विभिन्न प्रकार की साधना करते हैं। साधना सिर्फ कठिन अभ्यास नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है जिसमें...
समाधि में ध्यान की अवस्था में विचार शून्य हो जाते हैं, क्योंकि मन पूर्णतः एकाग्र और शांत हो जाता है। इस अवस्था में चेतना...
नादब्रह्म की प्राप्ति और मोक्ष की स्थिति के संदर्भ में आपका प्रश्न गहन और दार्शनिक है। भारतीय दर्शन, विशेष रूप से वेदांत और योग...
समाधि में ध्यान की अवस्था में विचार शून्य हो जाते हैं, क्योंकि मन पूर्णतः एकाग्र और शांत हो जाता है। इस अवस्था में चेतना...
अद्यतमिक दुनिया मे गुरु और शिष्य का साथ जन्म।जन्मों से चला आ रहा है और जब जन शिष्य जन्म लेता है तो गुरु देव...
संत जैसे गुणों को पाने और संत बनने तक का सफर बहुत लंबा है जरूर नजी की आप इसी नीवं में उस स्तर तक...