“आध्यात्मिक आचरण” का अर्थ है अपने विचारों, शब्दों और कर्मों में पवित्रता, संयम, और सत्यनिष्ठा को बनाए रखना। इसमें अहिंसा, दया, करुणा, और क्षमा...
नाद योग में आंतरिक ध्वनियों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसे अनाहत नाद (बिना किसी बाहरी टकराव के उत्पन्न ध्वनि) सुनने की प्रक्रिया...
इसका आध्यात्मिक अर्थ: यह धड़कन आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है। यह याद दिलाती है कि आत्मा (जीवात्मा) और परमात्मा (परमात्मा) अलग...
हृदय की धड़कन (धक-धक) जीवित होने का प्रमाण है और यह प्राण ऊर्जा (जीवन शक्ति) का संकेत देती है। योग और ध्यान में इसे...
प्रतिदिन ध्यान (मेडिटेशन) में बैठें और “ओम” या “सोऽहं” का मानसिक जाप करें। सांस के साथ मंत्र को जोड़ें: अंदर जाते समय “सो” और...
ओम: यह ब्रह्मांड की आदिशक्ति और अनहद नाद (बिना टकराव के ध्वनि) मानी जाती है। इसे सभी ध्वनियों का स्रोत माना गया है और...
यह सम्पूर्ण स्वतंत्रता की अवस्था है, जहाँ आत्मा न जन्म लेती है, न मृत्यु। वह अनंत शांति, आनंद और ज्ञान (सच्चिदानंद) की अवस्था में...
यम (नैतिक अनुशासन), नियम (स्वअनुशासन), आसन (शारीरिक स्थिरता), प्राणायाम (श्वास नियंत्रण), प्रत्याहार (इंद्रियों का नियंत्रण), धारणा (एकाग्रता), ध्यान (ध्यान), और समाधि (पूर्ण तल्लीनता)। समाधि...
केवल्य शब्द का अर्थ है ‘एकांत अवस्था’ या ‘अद्वितीयता’। योग और वेदांत दर्शन में केवल्य को अंतिम मोक्ष या मुक्ति की अवस्था माना गया...
हिंदू धर्म में कहा गया है कि जो लोग अच्छे कर्म, भक्ति और ध्यान में लीन रहते हैं, वे मृत्यु के बाद ईश्वर के...