Guru Ji

पतंजलि ने योग को आठ अंगों में विभाजित किया है, जिसे “अष्टांग योग” कहा जाता है।

यह मार्ग ईश्वर प्राप्ति के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया है। आइए इसे समझते हैं: समाज और दूसरों के प्रति सही व्यवहार। पाँच यम: अहिंसा,...

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मानव चोले का महत्व

मानव जीवन को विशेष इसलिए माना गया है क्योंकि यही वह माध्यम है, जिसके द्वारा आत्मा अपने उच्चतम लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है।...

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“अहं ब्रह्मास्मि” का अर्थ

अद्वैत वेदांत के अनुसार, “अहं ब्रह्मास्मि” का अर्थ है कि प्रत्येक व्यक्ति के भीतर वही परम सत्ता या ब्रह्म निवास करती है, जो इस...

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अहम ब्राहष्मी बात अद्वैत और अध्यात्म के गहरे सिद्धांतों को छूती है..

अहम ब्राहष्मी बात अद्वैत और अध्यात्म के गहरे सिद्धांतों को छूती है। “मानव चोला” का अर्थ मानव शरीर या जीवन से है, और यह...

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मनुष्य के अंदर मलिनता और विकार खत्म करने के लिए मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्तर पर कार्य करना आवश्यक है। यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं:

प्रतिदिन कुछ समय अपने भीतर झाँकने और अपने विचारों को समझने में बिताएं। अपनी कमजोरियों और गलतियों को पहचानें और उन्हें सुधारने का प्रयास...

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