मौत का अहसास बहुत खतरनाक होता है और उसके बाद जीवन सुखमय होता है ये प्रकृति का नियम है सूफी दृष्टिकोण से ये कथन—“मौत...
ईश्वर को सगुण (साकार, रूपयुक्त) या निरगुण (निर्विकार, रूपहीन) मानना, या उन्हें भक्त और भगवान दोनों के रूप में देखना, पूरी तरह भक्त की...
।कोई कहे छल ईश्वर नही कोई किंनर कहलायेकोई कहै गण ईश का ज्यूँ ज्यूँ मात रिसायेयह दोहा गहरे दार्शनिक और आध्यात्मिक अर्थों से भरा...
सूफी मत में प्रेम (इश्क) आध्यात्मिकता का मूल आधार है, जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का सबसे शक्तिशाली और प वित्र मार्ग माना...
जीवन और मरण से मुक्ति, जिसे अक्सर मोक्ष या निर्वाण कहा जाता है, भारतीय दर्शन और आध्यात्मिकता में एक गहन अवधारणा है। यह चक्रवर्ती...
मन पर नियंत्रण कैसे करे और विकार रहित कैसे हो मोह-माया से विरक्ति प्राप्त करने के लिए भारतीय दर्शन, विशेष रूप से योग और...
गीता के संदर्भ में धर्म और समाज का गहरा संबंध है। धर्म, गीता में, केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्तिगत और...
भगवद्गीता में चार आश्रमों—ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, और संन्यास—का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, क्योंकि गीता मुख्य रूप से कर्मयोग, भक्तियोग, और ज्ञानयोग पर केंद्रित है।...
गुरु-शिष्य का संबंध बहुत ही पवित्र और अनूठा होता है, जो पिता-पुत्र, माँ-बेटा या अन्य किसी रिश्ते से अलग लेकिन उतना ही गहरा और...