निवृत्ति और मोक्ष के बीच मुख्य अंतर इस प्रकार है:निवृत्ति: यह संसारिक बंधनों, तसेही इच्छाओं, और कर्मों के प्रवाह से विराम की स्थिति है।...
मूर्तियों में संत लोग अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और संकल्प के द्वारा प्राण भरते हैं, इसे प्राण प्रतिष्ठा कहते हैं। यह प्रक्रिया मंत्रों का जाप,...
संत द्वारा तत्वज्ञान दिए जाने से शिष्य में गहरे आध्यात्मिक और मानसिक बदलाव होते हैं। तत्वज्ञान शिष्य को आत्म-ज्ञान, मन की शुद्धि और वास्तविकता...
गुरु की मेहर से शिष्य को स्वरूप प्राप्ति कैसे होती है, इसके लिए भगवद् गीता में कई श्लोक हैं जो गुरु-शिष्य के संबंध और...
ईश्वर के चेतन स्वरूप के चार भागों में तीन भाग माया से बाहर होते हैं और केवल चतुर्थ भाग में माया (मत्स्य) क्यों है,...
-काल रहस्य और उससेसंबंधित चक्र से मुक्ति के विषय में भारत के आध्यात्मिक और योगिक सन्दर्भों में गहरा रहस्य है। काल को जन्म-मरण के...
चिदाकाश अनुभव करवा सकने वाला गुरु वह होता है जो सच्चा, अनुभवी और सिद्ध आध्यात्मिक गुरु हो। ऐसे गुरु के निम्न गुण होते हैं:गुरु...
काल और क्षण को समय के दो महत्वपूर्ण पक्षों के रूप में समझा जा सकता है, जबकि भाग्य उनसे जुड़ी हुई जीवन की नियति...
जप योग में वायुमंडल में आवाज की गति और उसके कम्पन्न का अध्यात्म से संबंध गहरा है। ये जप जो गुरु देव के द्वारा...
सूर्य और चंद्र की किरणें जब गुरु की ऊर्जा के साथ मिल।कर शिष्य में तरेंग के माध्यम से मानव शरीर और मन पर गहरा...