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सही समय, सही मनोभाव: गुरु से मार्गदर्शन पाने की कला

गुरु से मार्गदर्शन कब और कैसे मांगें, इसके लिए मुख्य बातें इस प्रकार हैं:कब मांगे मार्गदर्शनजब साधना या जीवन के किसी भी क्षेत्र में...

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गुरु का निज शब्द: आत्मा को ब्रह्म में विलीन करने वाला स्वर

अध्याय: गुरु-निजशब्द और आत्म-एकत्व का रहस्य१. उपोद्घातउपनिषदों में कहा गया है कि ब्रह्मविद्या वही है जो श्रोतव्य, मन्तव्य, और निदिध्यासन के माध्यम से शिष्य...

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निज शब्द से नाद तक: गुरु-चेतना में आत्मा का विलय

दो श्लोक-संहिता की विस्तृत व्याख्या के साथ एक संयोजित अध्याय बनाकर प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसमें उपनिषद-गुरुकृपा, कबीर-नाम, और गुरु-शिष्य परंपराओं के उद्धरण सम्मिलित...

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द्वैत से अद्वैत तक: भेद से एकत्व की यात्रा

द्वैत और अद्वैत के मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं:1. अस्तित्व की व्याख्याद्वैत: द्वैत दर्शन में माना जाता है कि ब्रह्म (परमात्मा), जीव (आत्मा) और जगत्...

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